
E9 News रांची: देश में वैसे तो रामनवमी की पूजा अलग-अलग जगहों में पर अपने-अपने रीति रिवाज से मनाई जाती है लेकिन झारखण्ड में इस पर्व का अपना अलग रंग देखने को मिलता है। राजधानी में रामनवमी का अपना आठ दशक से भी पुराना इतिहास है। इस अवसर पर निकलनेवाले जुलूस में यहां पुरुषों की तरह महिलाएं भी अपनी तलवारबाजी का हुनर दिखाती हैं। हालांकि रांची में रामनवमी पूजा के दौरान जुलूस की परंपरा की शुरुआत 1936 में हुई। उस दौरान महज कुछ लोगों ने हाथ में महावीरी पताका लेकर जुलूस निकाला था, जो रांची के फिरायालाल चौक से डोरंडा स्थित तपोवन मंदिर तक गया। यह परंपरा आज भी चालू है लेकिन मौजूदा समय में इसने वृहद रूप धारण कर लिया है। करीब एक हजार के आसपास छोटे बड़े अखाड़े हैं, जो इस जुलूस का हिस्सा बनते हैं।
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