
E9 News, चंडीगढ़ः पंजाब के करीब छह लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों को चुनाव नतीजे आने से पहले ही एक बहुत बड़ा तोहफा मिला गया है। दरअसलए इन कर्मियों और पेंशनरों को 5 फीसदी की अंतरिम राहत दिए जाने का रास्ता खुल गया है। चुनाव आयोग ने पंजाब सरकार की इस मांग को मंजूरी दे दी। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लागू चुनाव आचार संहिता के कारण राज्य सरकार द्वारा घोषित अंतरिम राहत की राशि रिलीज किए जाने पर भी रोक लग गई थी। आखिरकार राज्य सरकार ने अंतरिम राहत रिलीज किए जाने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा था। पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को अंतरिम राहत देने के लिए कोड ऑफ कंडक्ट के मद्देनजर स्वीकृति मांगी थी, जिस पर विचार करने के बाद चुनाव आयोग ने यह स्वीकृति दे दी है। प्रवक्ता ने बताया कि इस संबंधी पत्र वित्त विभाग के सचिव को आगामी कार्रवाई के लिए भेज दिया है। चुनावी साल में पंजाब सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए छठे वेतन आयोग के तहत संशोधित वेतनमान तैयार होने तक कर्मचारियों और पेंशनरों को 5 फीसदी अंतरिम राहत देने का फैसला किया था। इस समय प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन और पेंशन की मद में प्रति वर्ष सरकार को करीब 2300 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। अब पांच फीसदी अंतरिम राहत राशि के रूप में सरकार के खजाने पर करीब 115 करोड़ रुपए प्रति माह का अतिरिक्त बोझ पड़ जाएगा। हालांकि, छठे वेतन आयोग के तहत संशोधित वेतनमान समय पर लागू नहीं हो पाने से नाराज कर्मचारियों ने सरकार से 20 फीसदी अंतरिम राहत की मांग की थी, लेकिन सरकार ने केवल 7 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाकर कर्मचारियों को मना लिया था।
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